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📍 नई दिल्ली, 3 जुलाई 2025
डिजिटल पेमेंट को लेकर सरकार और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की ओर से आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी गई है। 15 जुलाई 2025 से यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल होने पर पैसे तुरंत वापस मिलेंगे। इससे पहले तक, किसी ट्रांजैक्शन के असफल होने के बाद रिफंड आने में कई घंटे या कभी-कभी दिन भी लग जाते थे।
✳ क्या है नया नियम?
NPCI द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब यदि कोई UPI ट्रांजैक्शन किसी तकनीकी कारण से फेल होता है और ग्राहक के खाते से पैसा कट जाता है, तो वह राशि तुरंत वापिस कर दी जाएगी। इससे ग्राहक को न तो बैंक के चक्कर लगाने होंगे और न ही शिकायत दर्ज करानी पड़ेगी।
✅ उपभोक्ताओं को मिलेंगी ये नई सुविधाएं:
तत्काल रिफंड सुविधा
असफल लेनदेन की स्थिति में पैसे तुरंत ग्राहक के खाते में वापस लौट आएंगे।
गलत UPI आईडी या नंबर पर भुगतान? अब रिकवरी आसान
यदि गलती से किसी गलत VPA या नंबर पर ट्रांजैक्शन हो जाता है, तो उसकी रिकवरी भी बैंक द्वारा जल्द की जाएगी।
चार्ज बैक प्रक्रिया में सहजता
अब चार्ज बैक (पेमेंट विवाद) के मामलों में NPCI की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। बैंक स्वतंत्र रूप से मामलों की समीक्षा कर समाधान कर सकेंगे।
🏦 क्यों है ये बदलाव जरूरी?
डिजिटल पेमेंट का दायरा देशभर में तेजी से बढ़ रहा है। हर दिन लाखों UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, जिनमें से कुछ तकनीकी खामी या नेटवर्क समस्या के चलते असफल हो जाते हैं। अब तक ऐसे मामलों में ग्राहकों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता था। यह बदलाव ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाएगा और डिजिटल इंडिया को और मजबूत करेगा।
📊 देशभर में हर महीने 1,000 करोड़ से अधिक UPI ट्रांजैक्शन
NPCI के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर महीने 1000 करोड़ से अधिक UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, जिसमें करोड़ों रुपये की राशि असफल लेनदेन के रूप में अटकती है। इस निर्णय से यह समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
📌 जन चौपाल 36 विशेष:
यह नया नियम न केवल तकनीकी पारदर्शिता लाएगा, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था में आम नागरिक का भरोसा भी बढ़ाएगा।
🖋️ रिपोर्ट: दीपक पाण्डेय
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