दुर्ग, छत्तीसगढ़ |
दुर्ग पुलिस ने एक विशेष अभियान ‘ऑपरेशन तलाश’ चलाकर एक महीने के भीतर 807 गुमशुदा लोगों को ढूंढ निकाला है। यह अभियान पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के निर्देशन में संचालित हुआ, जिसमें जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी रही।
इस अभियान की सफलता की दर लगभग 80% रही। पुलिस ने न केवल जिले के भीतर से बल्कि अन्य राज्यों से भी लापता हुए लोगों को तलाश कर परिजनों से मिलाया। थाना स्तर पर सर्वाधिक सफलता थाना जामुल, सुपेला और दुर्गा क्षेत्रों में दर्ज की गई, जहां क्रमशः 62, 60 और 58 लोगों को सकुशल उनके घरों तक पहुंचाया गया।
थाना वार आँकड़े इस प्रकार हैं:
पुलगांव – 33
पाटन – 23
मोहन नगर – 21
कुम्हारी – 12
बोरी – 13
धमचा – 14
कुर्सीपार – 12
छावनी – 14
वैशाली नगर – 10
जामुल – 24
जामगांव आर – 13
नवागांव – 13
इनमें से कल (अभियान के अंतिम दिन) ही 277 गुमशुदा लोगों को पुलिस ने तलाशकर उनके परिवारजनों से मिलाया। कई मामलों में गुमशुदा व्यक्ति अन्य राज्यों में चले गए थे या जानबूझकर लापता हुए थे, जिनमें भी पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें ढूंढ निकाला।
एसपी विजय अग्रवाल ने अभियान की सफलता पर जिले की पुलिस टीम को बधाई दी और बताया कि –
“ऑपरेशन तलाश के माध्यम से हम न केवल गुमशुदा लोगों को खोज पा रहे हैं, बल्कि उनके परिजनों की चिंता और मानसिक तनाव को भी समाप्त कर रहे हैं। यह पुलिस की मानवीय और जवाबदेह भूमिका का परिचायक है।”
इस अभियान में साइबर सेल, महिला थाना, बाल संरक्षण इकाई, और स्थानीय थानों के स्टाफ ने मिलकर कार्य किया। दुर्ग पुलिस का यह अभियान राज्य भर में एक आदर्श मॉडल के रूप में सामने आया है।
भावुक अनुभवों ने भरी आंखें, परिजनों ने कहा- पुलिस बनी हमारे लिए भगवान
जब दुर्ग पुलिस ने ऑपरेशन तलाश के तहत गुम हुए बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं को उनके परिवार से मिलाया, तो थानों के बाहर का दृश्य किसी फिल्मी क्लाइमेक्स से कम नहीं था। रोते हुए माता-पिता, गले लगते भाई-बहन, और वर्षों बाद लौटे बुजुर्गों की आंखों से बहते आंसुओं ने पुलिस कर्मियों को भी भावुक कर दिया।


