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रेलवे ने यात्रियों से की अपील – “यात्री सुविधाओं की रक्षा करें”
रेलवे में सफर को सुगम और आरामदायक बनाने के लिए एसी कोच में बेडशीट, तकिया, कंबल और अन्य सुविधाएं यात्रियों को उपलब्ध कराई जाती हैं। लेकिन हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले ढाई सालों में एसी कोच से करीब 73 लाख रुपये का रेलवे संपत्ति यात्रियों द्वारा चुरा ली गई।
आम धारणा है कि एसी कोच में यात्रा करने वाले लोग जिम्मेदार और सभ्य होते हैं, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, चोरी हुए सामानों में बेडशीट, तौलिया, तकिया, कंबल, पर्दे, हेडफोन, मग और यहां तक कि परदे के हैंगर तक शामिल हैं।
इस नुकसान की भरपाई के लिए रेलवे ने कोच अटेंडेंट की सैलरी से पैसे काटना शुरू कर दिया है। इससे अटेंडेंट में नाराजगी का माहौल है क्योंकि उनकी जिम्मेदारी यात्रियों की सेवा करना है, न कि सामान की सुरक्षा करना।
रेलवे प्रशासन अब यात्रियों से जन/जागरूकता की अपील कर रहा है कि वे सार्वजनिक संपत्ति को अपना समझें और उसे नुकसान न पहुंचाएं। भारतीय रेलवे देश की धरोहर है और इसकी संपत्ति की रक्षा हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है।
रेलवे ने कहा है कि वह जल्द ही सीसीटीवी निगरानी, RFID टैगिंग और कोच अटेंडेंट के प्रशिक्षण जैसे उपायों के जरिए चोरी पर अंकुश लगाने की योजना बना रहा है।
✍️ जनजागरण का समय है
अगर यात्री खुद जागरूक नहीं होंगे, तो रेलवे को मजबूरी में कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। इससे यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं पर असर पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम सब मिलकर जिम्मेदार यात्री बनें और ट्रेन को भी अपने घर की तरह सम्मान दें।


