(नई दिल्ली, janchoupal36)
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कच्छी नववर्ष — आषाढ़ी बीज — के पावन अवसर पर दुनिया भर में बसे कच्छी समुदाय को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“आषाढ़ी बीज के विशेष अवसर पर, विशेष रूप से दुनिया भर के कच्छी समुदाय को शुभकामनाएँ। आने वाला साल सभी के लिए शांति, समृद्धि और अद्भुत स्वास्थ्य लेकर आए।”
यह संदेश न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में बसे कच्छी प्रवासी समुदाय के लिए भी एक विशेष भावनात्मक जुड़ाव लेकर आया है। प्रधानमंत्री के इस संदेश ने सांस्कृतिक विविधता के सम्मान और क्षेत्रीय परंपराओं के प्रति केंद्र सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाया है।
क्या है आषाढ़ी बीज?
आषाढ़ी बीज, कच्छी नववर्ष की शुरुआत का दिन होता है, जो हर वर्ष आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन कृषि चक्र, मानसून के आगमन और नवजीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। खासतौर पर गुजरात के कच्छ क्षेत्र में इस दिन का विशेष धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व होता है।
गांव-गांव में मेले, पूजा-अर्चना और पारंपरिक नृत्य-गीतों के माध्यम से लोग इस दिन को उल्लासपूर्वक मनाते हैं।
प्रधानमंत्री का यह संदेश क्यों है महत्वपूर्ण?
- यह संदेश भारतीय संस्कृति की विविधता का सम्मान करता है।
- यह सरकार की प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव नीति को मजबूती देता है।
- यह स्थानीय त्योहारों के राष्ट्रव्यापी प्रचार-प्रसार की ओर एक कदम है।


