जनचौपाल36 न्यूज़ डेस्क | [तारीख: 26 जून 2025]
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की नई नीति ने देशभर के बाइक चालकों के बीच हलचल मचा दी है। अब दो पहिया वाहनों पर भी टोल टैक्स का भार डाला जा रहा है। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, बाइक चालकों को ₹1,800 सालाना टोल टैक्स देना अनिवार्य किया गया है।
🔻 FASTag सुविधा दोपहिया वाहनों के लिए बंद
सरकार ने साफ किया है कि अब FASTag प्रणाली केवल चार पहिया और वाणिज्यिक वाहनों तक सीमित रहेगी। दोपहिया वाहनों के लिए FASTag सुविधा को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसके स्थान पर एक नया वार्षिक पास सिस्टम लागू किया जाएगा।
📌 क्या है नई व्यवस्था?
दोपहिया वाहन चालकों को अब हर साल ₹1,800 का पास लेना होगा।
यह पास डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होगा, जिसे संबंधित टोल ऑपरेटर या पोर्टल से खरीदा जा सकेगा।
बिना पास के पकड़े जाने पर भारी जुर्माना और वाहन जब्ती की कार्रवाई भी की जा सकती है।
❗ बाइक चालकों में नाराज़गी
देश के अलग-अलग हिस्सों से बाइक चालकों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर लोग इस निर्णय को “जन विरोधी” और “मध्यमवर्ग के खिलाफ” बता रहे हैं। कई संगठनों ने विरोध दर्ज करने की चेतावनी दी है।
🎯 सरकार का पक्ष
सरकार का तर्क है कि:
टोल सड़कों का उपयोग सभी वाहन करते हैं, तो भुगतान की समानता होनी चाहिए।
इससे राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव के लिए अधिक राजस्व मिलेगा।
एक सॉफ्टवेयर-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है जिससे बाइकर्स को लंबी कतारों से भी राहत मिलेगी।
🧾 छूट और अपीलें
ग्रामीण क्षेत्रों और विद्यार्थियों के लिए विशेष छूट योजना पर विचार किया जा रहा है।
कई राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसदों ने इस नीति को पुनर्विचार के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।
📢 जनचौपाल की राय:
सरकार की यह पहल यदि पारदर्शिता और सुविधा के साथ लागू की जाती है, तो इससे सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिल सकती है।
हालांकि, आम जनता की जेब पर इसका प्रभाव गंभीर हो सकता है, खासकर उन युवाओं और मजदूरों पर जो अपनी आजीविका के लिए बाइक का उपयोग करते हैं।
🗣️ आपकी क्या राय है?
क्या यह निर्णय जनहित में है या आम जनता पर अतिरिक्त भार?
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