कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के चार होनहार युवाओं ने नेपाल के पोखरा शहर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग एवं वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया। इंटरनेशनल जॉइंट इंडियन स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में भारत, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार के 300 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया।
भारत की ओर से सूरज राजपूत, दीपाली सोनी, अभिषेक तिवारी और अनुराग जांगड़े ने भाग लिया और अपने-अपने वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर छत्तीसगढ़ का परचम नेपाल की धरती पर लहराया।
इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल बने सूरज राजपूत
कबीरधाम के सूरज राजपूत ने बॉडीबिल्डिंग स्पर्धा में सात देशों के प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज इससे पहले मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल चैंपियनशिप और पावरलिफ्टिंग में भी मेडल जीत चुके हैं। वर्तमान में वे कवर्धा के ‘भारत हेल्थ क्लब’ में कोच हैं और लगभग 50 युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय छत्तीसगढ़ सरकार, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और खेल मंत्री टंक राम वर्मा को दिया।
दीपाली सोनी बनीं कबीरधाम की पहली महिला स्वर्ण विजेता
76 किलोग्राम वर्ग में दीपाली सोनी ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। दीपाली ने बताया कि विदेश जाकर तिरंगा लहराना उनका सपना था, जो अब पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी इस जीत से जिले की बेटियों को भी वेटलिफ्टिंग जैसे खेल में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। दीपाली इससे पहले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी पदक जीत चुकी हैं।
अभिषेक तिवारी और अनुराग जांगड़े का दम
67 किलोग्राम सब-जूनियर वर्ग में अभिषेक तिवारी और 109 किलोग्राम सब-जूनियर वर्ग में अनुराग जांगड़े ने स्वर्ण पदक जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। अभिषेक ने अपनी सफलता का श्रेय गुरु सूरज राजपूत और माता-पिता को दिया। वहीं, अनुराग ने कहा कि इतनी कम उम्र में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना उनके लिए गर्व की बात है।
कोच सूरज राजपूत की अहम भूमिका
इन सभी खिलाड़ियों को सूरज राजपूत ने ही प्रशिक्षण दिया है। सूरज वर्षों से निःशुल्क प्रशिक्षण देकर जिले के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब वे दुबई में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी में जुट गए हैं।
क्यों है यह उपलब्धि खास?
छोटे जिले कबीरधाम से निकलकर इन चार युवाओं ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर जिस तरह से छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया, वह प्रदेश के हर युवा के लिए प्रेरणा स्रोत है।


